हैल्लो
दोस्तों ये कहानी एक सच्ची कहानी है अगर इसमे आप सभी को कोई गलती लगे तो
प्लीज मुझे माफ़ करना। अब में अपनी कहानी आप लोगो को बताता हूँ।
दोस्तों
ये बात तब की है जब जया अपनी बड़ी बहन की बेटी की शादी के लिए शॉपिंग करने
घर से निकली थी। जया एक हाउस वाईफ है और उसकी उम्र 45 साल की है। उसका पति
जो कि बहुत पैसे कमाता है वो भी सिर्फ जया के लिए जिसे वो बहुत खुशी से
खर्च करती है शॉपिंग मे। उसका बेटा करण 21 साल का है और वो एक नंबर का
चुदक्कड़ है। वो बस बहाने ही ढूंढता रहता है। वो अपनी माँ को नंगा करने का
और हमेशा उसे चोदने का ख्वाब देखता रहता है। लेकिन ये अकेला ही चूत का
दीवाना नहीं उसकी बहन भी लंड की दीवानी है। ये अपनी 18 साल की कमसिन बहन
राधा को भी कई बार चोद चुका है।
दोस्तों लेकिन वो कहानी बाद मे, पहले ये एक कहानी पूरी कर लूँ।
दोस्तों
जया एक हाउसवाईफ है और वो अपने पति के पैसे सिर्फ़ शॉपिंग मे ही नहीं,
फिटनेस मे भी खर्च करती है। एक जिम जहाँ पर सब इम्पोटेंट मशीन्स है, वहाँ
पर वो वर्काउट करती है। इस लिये 45 साल की उम्र मे भी वो एक कामदेवी से कम
नहीं लगती है, उसके 34 के फिगर उसकी छाती की शोभा ही नहीं बल्कि अच्छे
अच्छो के लंड का साइज़ भी बड़ाते है। उसकी 28 की पतली कमर और गहरी नाभि उसके
सेक्सी जिस्म का चौथा छेद है, जहाँ पर आप अपनी उंगली भी कर सकते है।
अब
उसकी गांड के क्या कहने, 40 इंच साइज़ की मोटी और गोल गांड जिस कुर्सी पर
भी वो रखती होगी, वो कुर्सी भी बहुत खुश हो जाए और जया अपनी कामुकता का
प्रदर्शन करने मे कभी भी पीछे नहीं रहती है। अब दोस्तों जया की बड़ी बहन की
बेटी की शादी का वक़्त था, इसीलिए जया को शादी के लिए शॉपिंग करनी थी। इस
लिए वो डिनर के वक़्त अपने पति से कुछ कहने लगी।
जया : राम “जया का पति, सीमा की शादी तय हो गयी है और शादी अगले हफ्ते ही है अब हमे भी कुछ शॉपिंग कर लेनी चाहिए।
राम : हाँ तुम ठीक कह रही हो, तुम एक काम करो मेरा क्रेडिट कार्ड ले लो और कल करण के साथ जा कर शॉपिंग कर लो जो भी तुम्हे चाहिए।
जया : ठीक है, करण तुम चलोगे ना?
करण : क्यों नहीं माँ बिल्कुल चलूँगा।
तभी अगले दिन, दोपहर के 12 बजे थे।
जया
: करण जल्दी चलो वरना हमे बहुत देर हो जाएगी, में कपड़े बदलने जा रही हूँ,
तुम भी जल्दी से कपड़े बदल लो। तभी कपड़े बदलने का नाम सुनते ही करण अपने
बेड से उठकर चुपचाप अपनी माँ के कमरे मे जाने लगा, उधर अंदर जया ब्लाउज और
पेटिकोट मे थी। तभी धीरे धीरे उसने अपना ब्लाउज और ब्रा उतार दी थी। फिर
उसके गोरे गोरे नारियल जैसे बूब्स देखते ही करण का लंड खड़ा हो गया और तभी
जया ने अपना पेटीकोट और पेंटी भी उतार दी और पूरी नंगी होकर अलमारी की तरफ
बढ़ी। लेकिन ये सब करण के लिए सहन करना बहुत मुश्किल था, तभी वो मुठ मारने
लगा और फिर उसने अपना वीर्य वहीं पर गिरा दिया और फिर वो अपने कमरे मे
कपड़े बदलने चला गया। करण कपड़े बदल कर लिविंग रूम मे बैठा था।
करण : माँ में तैयार हूँ अब आप थोड़ा जल्दी चलो।
जया : हाँ बेटा में अभी आ रही हूँ, तुमने दरवाजे पर जो सफेद पानी गिराया है, पहले उसे साफ तो कर दूँ।
तभी
ये सुनते ही करण के पसीने छूट गये और फिर जया लिविंग रूम मे आ गई और क्या
क़यामत लग रही थी वो गोरे बदन पर काली साड़ी और काला ब्लाउज साड़ी भी सेक्सी
ब्लाउज इतना लो कट की उसके क्लीन बूब्स किसी अंधे को भी दिख जाए और फिर वही
हाल उसकी पीठ का भी था। साड़ी जया ने इतनी नीचे पहनी थी कि अगर एक सेमी. भी
वो नीचे हो जाए तो उसकी चूत के बाल बाहर आ जाए, इस नज़ारे को देखकर करण का
लंड फिर से खड़ा हो गया। तभी उसकी आँखे फटी की फटी और मुहं खुला ही रह
गया।
जया : में कैसी लग रही हूँ?
करण : अच्छी।
जया : अच्छी या बहुत अच्छी?
करण : माँ बहुत अच्छी।
जया : बहुत अच्छी या माल?
करण : आप ये क्या कह रही हो माँ? में तुम्हारा बेटा हूँ।
जया : अच्छा तो इस बेटे को अपनी नंगी माँ को देखकर मुठ मारने मे तो शर्म नहीं आती,
बता तुझे थोड़ी भी शर्म आई थी क्या?
करण : सॉरी माँ आई एम रियली सॉरी।
जया : अरे सॉरी क्यों तू तो मेरा बेटा है, तू मुझे नंगा नहीं देखेगा तो और कौन देखेगा हमे?
तभी
ये कहकर जया ने अपने बेटे के होंठो पर अपने लाल लाल होंठ रख दिये और फिर
वो एक दूसरे को चूमने लगे, तभी करण का हाथ अपनी माँ के एक बूब्स को दबाने
लगा और तभी जया ने उसे रोक दिया।
करण : प्लीज़ माँ, प्लीज़ करने दो।
जया
: आज नहीं, आज शॉपिंग के लिए जाना है। माँ का दूध पीने के लिए पूरी रात
पड़ी है, वैसे भी तुम्हारे डेडी आज घर नहीं आने वाले और तुम्हारी बहन तो
हॉस्टल मे ही पढ़ाई के लिये रुकने वाली है, तू रात भर मज़े कर लेना ठीक है।
अब करण खुश हो गया और उसे फिर से चूमने लगा और फिर वो शॉपिंग के लिए निकल
पड़े थे।
फिर करीब एक घंटे बाद मौल मे, दोपहर 1:30 बजे।
जया : आज तो मौल मे बिल्कुल ही भीड़ नहीं, क्या बात है?
करण : शायद ऑफ सीज़न की वजह से।
जया : चलो पहले हम तुम्हारे कपड़े खरीदे।
फिर माँ बेटे एक मेन्स वियर शॉप मे करण के लिए कपड़े देखने लगे और वहाँ के शॉप कीपर्स जया के जिस्म को अपनी आँखों से ही चोदने लगे।
अब जया ये सब नोटीस कर रही थी और फिर उसने भी मज़े लेने का इरादा बना लिया।
जया : भैया ज़रा पेंट तो निकालना।
शॉपकीपर : क्या?
जया : वो जो ब्लू पेंट है ना लटकी हुई, ज़रा उसे निकालना वो।
शॉपकीपर : ओह, आई एम सॉरी अभी निकालता हूँ।
जया : अरे आप तो नर्वस हो गये, मैने आपको आपकी पेंट निकालने के लिए तो नहीं कहा था।
फिर
कुछ ऐसी ही मस्ती मज़ाक करके वो अगली शॉप मे चले गये, अब करीब 40 मिनट मे
करण ने अपने कपड़े खरीद लिये। फिर जया शॉपिंग के लिए साड़ीयों की एक दुकान
मे जाने लगी।
जया : बेटा तुम वहाँ पर बोर हो जाओगे, क्यों ना तुम एक फिल्म देख आओ या कुछ खाने पीने चले जाओ?
करण : ठीक है माँ, आप आपकी शोपिंग पूरी होने के बाद मुझे कॉल कर देना ठीक है।
जया : चल अब जा ठीक है, में सब कर दूंगी।
और
फिर जया एक साड़ी की दुकान मे चली गयी और वहाँ पर पांच शॉपकीपर्स और 7, 8
फीमेल ग्राहक थे। तभी जया को अटेंड करने के लिये एक शॉपकीपर आगे आया था।
शॉपकीपर्स : हैल्लो मेडम मेरा नाम संजय है, बताइए में आपकी क्या मदद कर सकता हूँ।
जया : जी मुझे शादी के लिए कुछ साड़ीयां ख़रीदनी है, क्या आप मुझे साड़ी दिखाएँगे।
संजय : जी मेडम क्यों नहीं, आइये मेडम आप इधर।
फिर संजय ने जया को 10 से 15 साड़ीयां दिखाई उसमे से जया ने सिर्फ तीन साड़ी अलग करके रखी थी।
जया : क्या में इन्हे ट्राई कर सकती हूँ।
संजय : जी हाँ मेडम पास मे एक ट्रायल रूम है आप वहाँ पर जा सकती है।
तभी जया ट्रायल रूम मे चली गयी, फिर संजय अपने दूसरे शॉपकीपर्स दोस्त की तरफ बढ़ा और बोला,
संजय : अबे वो क्या माल है यार।
राजू : हाँ यार, क्या लग रही है उस साड़ी मे।
संजय : अबे उसने साड़ी इतनी नीचे पहनी है कि उसकी चूत के बाल साफ दिखाई दे रहे है।
राजू : चूत के बाल? अबे पीछे से उसकी गांड की फ्रंट नज़र आ रही है, मैने तो मोबाइल मे एक दो फोटो भी लिये है।
संजय : अबे साले चुदक्कड़
राजू : क्या बोलता है? चोद देते है इसे।
संजय : लेकिन क्या वो मान जाएगी?
राजू : अबे क्यों नहीं मानेगी, ऐसे कपड़े सिर्फ़ रंडिया ही पहनती है।
संजय : ठीक है, चल आज इसका गेम कर देते है।
फिर जया ने अपने लिए तीन साड़ीयां पसंद कर ली और बिल बनाने संजय के साथ निकल पड़ी।
संजय
: मेडम हमारी शॉप मे एक नया ब्रा पेंटी का सेक्षन भी खुला है, आप इन
साड़ीयों के लिए मेचिंग ब्रा और पेंटी भी खरीदना पसंद करेंगी।
तभी जया को थोड़ा शक़ हुआ, लेकिन आज तो वो भी मूड मे थी।
जया : जी ठीक है चलिए।
फिर संजय जया को एक कमरे मे ले गया जहाँ पर बहुत सारे ब्रा पेंटी के सेक्षन्स थे।
जया : ग्रीन साड़ी के लिए मॅचिंग ब्रा दिखाइए प्लीज।
संजय : ये लिजिए मेडम।
जया : लेकिन में इसे ट्राई कहाँ पर करूं?
राजू : सॉरी मेडम यहाँ पर ट्रायल रूम नहीं है।
जया : ओह तो फिर मुझे ये पता कैसे चलेगा की ये सही साइज़ है या नहीं।
संजय : कोई बात नहीं मेडम आप यहीं पर ट्राई कर लीजिए।
जया : लेकिन तुम दोनो के सामने?
राजू : अरे मेडम परेशान ना होइए, ये तो हमारा रोज का काम है।
जया : ठीक है।
तभी
ये कहकर जया ने अपनी साड़ी का पल्लू गिराया था, फिर उसके लो कट ब्लाउज से
उसके आधे नंगे कंधों ने संजय और राजू की नज़रो को चमका दिया था और उनके
मुहं मे पानी आ गया था।
फिर
जया ने संजय की आँखो मे आँखे डालकर अपनी ब्लाउज का एक हुक खोला और फिर
राजू की आँख मे आंखे डालकर दूसरा हुक खोला। फिर संजय और राजू को एक मादक
अंगड़ाई देकर उसने अपना ब्लाउज उतार कर संजय को पड़ने के लिए दिया। फिर वो
ब्रा उतारने के लिए पीछे का हुक खोलने लगी।
अब
संजय और राजू के टाईट लंड उनकी पेंट मे ही तंबू बन चुके थे और जया वो
देखकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी। तभी जया ने हुक खोल दिया था और ब्रा की
पीछे की लेस को नीचे धकेल दिया और फिर लेफ्ट लेस और अपनी ब्रा दोनो कप हाथ
मे पकड़ कर ब्रा को नीचे कर दिया था। फिर संजय और राजू तिलमिला रहे थे।
लेकिन अब जया कहाँ रुकने वाली थी। अब वो आगे बढ़ी और संजय से कहा कि….
जया : प्लीज मेरी साड़ी उतारने मे मेरी मदत करो।
संजय : क्यों नहीं।
जया : अब ये लो मेरा पल्लू और खींचो।
संजय
जया की साड़ी खींच रहा था और जया गोल गोल घूमते हुए साड़ी उतार रही थी। अब
वहाँ पर जया का चीरहरण उसकी मर्ज़ी से हो रहा था और आज इस द्रौपदी को नंगा
होने से कोई रोकने वाला नहीं था। जया की साड़ी उतरते ही उसने अपने पेटीकोट
का नाड़ा खोल दिया और फिर उसका पेटीकोट एक झटके मे नीचे उतर गया था। अब उसकी
गोरी गोरी मसल जांघे, फिर दोनो मर्दो के लंड को उत्तेजित करने लगी। तभी
जया पीछे पलट कर पेंटी उतारने लगी, अब जया ने पेंटी उतारते वक़्त अपनी गांड
का नज़ारा दोनो को दिखाया और फिर संजय और राजू की तरफ बढ़ी और बोली,
जया
: तो अब, ब्रा पेंटी ट्राई करे यह उसे आगे बोलने से पहले ही संजय ने उसके
होठो को चूसना शुरू कर दिया, फिर राजू पीछे से उसकी गांड को चाटने लगा और
उसकी चूत मे उंगली करने लगा। लेकिन जया पहले से ही गीली हो चुकी थी। संजय
उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और फिर उन्हे चूसने लगा।
जया : आहह चूस मेरे राजा चूस ले और जोर से।
राजू : साली रंडी, आज तो हम तुझे मसल कर रख देंगे।
तभी
संजय और राजू ने अपना टाईट लंड पेंट से बाहर निकाला और जया अपने घुटनो पर
बैठे हुए उनको एक एक करके चूसने लगी। फिर करीब पांच मिनट तक चूसने के बाद
दोनो के लंड झड़ गये। तभी संजय ने जया को टेबल पर लिटा दिया और उसकी चूत
चाटने लगा, जया कामुकता से चहकने लगी। अब संजय की जीभ जब भी उसकी चूत के
दाने से टकराती जया के मुहं से तड़पती हुई आवाज़ आने लगती थी। तभी राजू ने
उन आवाजो को अपने लंड से बंद कर दिया, अब जया राजू का सोया हुआ लंड जगाने
के लिए उसे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी थी और नीचे संजय उसकी चूत को चाट चाट कर
गज़क की तरह नरम करने लगा और फिर करीब दस मिनट तक राजू का लंड चूसने के
बाद, राजू का लंड भी खड़ा हो गया था।
जया : चलो, अब अपना लंड मेरी चूत मे जल्दी से घुसा दो। प्लीज़ अब सब्र नहीं होता, चोद दे मुझे हरामी, चोद मुज़े जल्दी।
राजू : हरामी किसे बोल रही है रंडी रुक साली छिनाल अब तेरी चूत का भोसड़ा ही बना देता हूँ।
तभी
राजू ने जया का एक पैर अपने कंधे पर रखा और अपना लंड एक ही झटके मे पूरा
का पूरा उसकी चूत मे घुसेड़ दिया। तभी जया के मुहं से एक जोरदार चीख निकली,
जया : हे भगवान, तू कितना हरामी निकाल अपना लंड मेरी चूत से मुझे चूत के बल दर्द हो रहा है निकाल अपना काला लंड कुत्ते।
संजय
: चुप कर साली कुतीया छिनाल कहीं की ये ले, संजय ने अपना लंड जया के मुहं
मे डालकर उसकी आवाज़ बंद कर दी थी। फिर थोड़ी देर बाद जया का दर्द कम हुआ और
फिर वो चुदाई का मज़ा लेने लगी थी।
जया : आहआहहह बस चोद मुझे, चोद मुझे जोर से, और जोर से आज तू अपना पूरा जोर लगा कर चोद मुझे, ऊओह ऊओह और जोर से और जोर से फास्टर फास्टर ऊओ ऑश! उउउंम्म।
तभी राजू ने अपनी स्पीड बड़ाई और फिर उसे ज़ोर जोर से चोदने लगा।
जया
: जोर से और जोर से आहह अब में झड़ने वाली हूँ। आअहह तभी जया की चूत से
पानी निकलने लगा और फिर ऐसा लग रहा था कि वो मूत रही है। लेकिन अब जया झड़ने
की वजह से मछली की तरह तड़पने लगी थी।
संजय : तू हट ला अब में चोदता हूँ, इससे।
संजय अब राजू की जगह आ गया था और फिर उसने जया की चूत मे अपना मोटा लंड घुसेड दिया और तभी जया सिसकियां भरने लगी थी।
जया : कम ओंन संजय, चोदो मुझे, जोर से चोदो मुझे, अब मुझे चोद कर तुम रंडी बना दो और जोर से संजय और ज़ोर से।
संजय : उउउम्म्फफ्, उउम्म्म्फफ्फ़, ये ले रंडी ये ले और ले बहुत चाहिए तुझे लंड ले आज तू लंड खा।
जया : साले भड़वे जोर से चोद ना तूने कभी अपनी पत्नी को चोदा नहीं क्या?
और जोर से चोद फाड़ दे आज मेरी चूत।
तभी संजय ने अपनी स्पीड एकदम तेज कर दी और फिर कुछ देर के बाद जया एक बार फिर झड़ गयी थी।
जया : संजय तुम ज़मीन पर सो जाओ।
संजय : क्यों?
जया
: रंडी की औलाद मैने तुझे जितना बोला है, तू सिर्फ उतना ही कर। तभी संजय
नीचे फिर्श पर सो गया, तभी उसका टाईट लंड छत की तरफ खड़ा हुआ था और फिर जया
संजय के लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे करने लगी। अब संजय को बहुत मज़ा आने
लगा, जया नीचे झुककर उसे किस करने लगी थी और संजय अपनी गांड उठाकर उसकी चूत
मारने लगा और तभी जया को कुछ महसूस हुआ, अब उसे एहसास हो गया था कि राजू
अब उसकी गांड मारना चाहता है। लेकिन कुछ कहने से पहले राजू ने एक जोरदार
झटका लगाया और अपने लंड का मुहं उसकी गांड मे डाल दिया। तभी जया फिर से जोर
जोर से चिल्लाने लगी थी।
जया : भड़वे जा अपनी माँ की गांड मार मेरी क्यों मार रहा है, हे भगवान साले भड़वे।
तभी जया की आँखो से आंसू आने लगे लेकिन राजू ने उस पर कोई रहम नहीं किया और फिर वो जोर लगा कर गांड मारने लगा था।
अब
जया एक रंडी की पोज़िशन मे चूत भी चुदवा रही थी और गांड भी मरवा रही थी,
अब कॉलेज के दिनो के बाद ये पहला वक़्त था जब जया दो लंड से एक ही वक़्त
चुद रही थी। लेकिन इस बार संजय चूत मे उसकी चुदाई कर रहा था और राजू उसकी
गांड मार रहा था।
अब
जया दर्द से तड़प रही थी, रोते रोते चुदाई का मज़ा आ रहा था। वो आज पहली
बार ये मजा ले रही थी। तभी थोड़ी देर बाद राजू संजय की जगह चला गया और जया
को अपने काले लंड पर बिठा दिया था और संजय उसकी गांड मारने लगा। तभी करीब
25 मिनट तक वो दोनो चूत और गांड को चोद रहे थे। 25 मिनट तक गांड मरवा कर अब
जया की गांड ढीली हो चुकी थी और वो भी मज़े लेने लगी थी और फिर उन दोनों
का साथ देने लगी।
जया
: जोर से और जोर से मुझे ऐसे चोदो जैसे अपनी पत्नी को चोदते हो आआहह, ऊओह
ऊहह आअहह अब 10 मिनट बाद राजू जया की चूत मे झड़ गया और संजय जया की गांड
मे, अब तीनो चुदाई करके 10 मिनट तक नंगे एक दूसरे के ऊपर ही लेटे रहे।
संजय : वाहह, मज़ा आ गया आज।
राजू : क्या औरत है तू साली तुझे तो रंडी होना चाहिए था।
जया : हाहाहा… चलो अब कपड़े पहन लो और चलो बाहर, अब तीनो कपड़े पहनने लगे थे।
जया : संजय, तुम्हारी शॉप मे क्या सभी औरतो को ऐसे ही सर्विस मिलती है?
संजय : जी सबको नहीं सिर्फ़ खास कस्टमर्स को।
जया : और तुम राजू की तरफ उंगली करते हुए नाम क्या है तेरा?
राजू : जी रा राजू।
जया : राजू तू अपनी पत्नी को क्या ऐसे ही चोदता है क्या कभी किसी को चोदा भी है या नहीं जाकर किसी रंडी को चोद कर आ साले हरामी भड़वे।
राजू : सॉरी मेडम तुम हो ऐसी माल की कंट्रोल नहीं हुआ अगली बार ऐसा नहीं होगा।
जया : क्या मतलब अगली बार?
संजय : अगली बार साड़ी खरीदने जरुर आइये आप, हमे भी खिदमत का दूसरा मौका मिलेगा।
जया : भड़वे तेरा मन नहीं भरा और इन मेचिंग ब्रा पेंटी का क्या?
संजय : सब फ्री।
जया : थेंक यू चलो अब चलते है।
अब
करीब दो घंटे की चुदाई के बाद जया अपनी साड़ीयां लेकर शॉप के बाहर आ गई। और
अब उसने करण को कॉल करके पार्किंग मे बुलाया और दोनों कार के अन्दर बेठ
गये। फिर करण बोला …
करण : माँ तुम्हारे बालो को क्या हुआ?
जया : क्या हुआ?
करण : सब बिखरे हुए है, ऐसा लग रहा है कि तुम्हारा किसी ने बलात्कार कर दिया है।
जया : बलात्कार नहीं हुआ।
करण : तो फिर?
जया : बस तोड़ा मज़ा।
करण : किससे चुद कर आई हो?
जया : बस दो शॉपकीपर्स थे।
तभी ये सुनते ही करण अपनी माँ पर वहीँ कार में टूट पड़ा करण ने एक मिनट के अंदर जया की साड़ी पेटीकोट और ब्लाउज सब उतार दिया।
करण : माँ, तुम्हारी ब्रा पेंटी कहाँ है?
जया : मैने वो वहीं पर छोड़ दी है और तभी करण ने अपनी माँ की चूत मे अपना लंड डाल दिया और उसे कार में ही चोदने लगा।
जया : करण बेटा घर चलकर चोदो ना प्लीज़, प्लीज़।
करण : नहीं माँ अब सहन नहीं होता, प्लीज़ आप छोड़ दो मुझे।
जया : आअहह, अहह चोद बेटा चोद तू तो सच मे बड़ा हो गया रे चोद दे अपनी माँ को आज।
करण : आहह माँ तुम बहुत गरम हो माँ तुम्हारी चूत भी गरम है, में ज़्यादा देर तक नहीं रुक सकता हूँ।
जया
: तू बस चोदता रह बेटा लंबी चुदाई तो घर जाकर करेंगे, आहह ऐसे ही ऐसे ही
बेटा ऐसे ही चोद वाह मेरा बेटा अब बड़ा हो गया है। चोद बेटा चोद आअहह।
करण : माँ में अब झड़ने वाला हूँ, में जल्दी झड़ने वाला हूँ।
जया : अंदर ही झड़ बेटा डाल दे अपना वीर्य मेरी चूत मे आअहह।
करण : आहह माँ आहहाहह।
जया : वाउ, मेरे बेटे के लंड मे तो बहुत दम है और पानी भी बहुत है। बेटा तुम बहुत अच्छे हो।
तभी
करण के लंड का वीर्य अपनी माँ की चूत से निकालकर उसकी जाँघो पर सरकने लगा
और फिर जया ने उसे अपने हाथ मे लिया था और उस हाथ पर लगे पानी को चाटने
लगी।
जया :
उउंम्म! तेरा पानी तो बहुत टेस्टी भी है, चल घर चल आज इस कुवें का सारा
पानी पी जाउंगी और फिर दोनो घर पर चले गये। अब करण ने उस रात अपनी माँ को
घर हर कमरे मे हर कोने मे हर पोज़िशन मे चोदा। रूम, बेडरूम, किचन, बाल्कनी.
खाना बनाते वक़्त, खाना खाते वक़्त, चलते हुए बैठते हुए यहाँ तक कि मूतते
वक़्त भी करण ने अपनी माँ को चोदा। वो रात करण की सबसे यादगार और मजेदार
रात रही और जया कॉलेज के दिनो के बाद पहली बार इतनी चुदी थी ।।
No comments:
Post a Comment