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मेरा बॉयफ्रेंड मुझे पहली बार जमकर


आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई की कहानी बताने जा रही हु  ये कहानी आज से मात्र तीन दिन पहले की है, बिलकुल ताजी सेक्स कहानी जो मैं आपसे शेयर कर रही हु. दोस्तों मेरा नाम रुपाली है मैं दिल्ली में रहती हु, मैं अठारह साल की हु, मैं अभी पढाई कर रही हु, मेरा इससे पहले कोई बॉय फ्रेंड नहीं था. पर मेरी एक दोस्त है कंचन, उसका एक बॉय फ्रेंड है राजीव, वो हमेशा राजीव के बारे में ही कहते रहती थी, आज राजीव ने ये किया आज राजीव ने वो किया आज मेरे चूत में लंड ऐसे घुसाया, ऐसे किश किया, ऐसे मेरे चूचियों को दबाया, दोस्तों ये सब सुन सुन कर मेरा मन भी चुदने का करने लगा. और मुझे भी लड़कों में इंटरेस्ट होने लगा.
मुझे भी लगा की मेरा भी कोई बॉय फ्रेंड हो और मैं इसकी चाहत में इधर उधर कोई सुन्दर और सेक्सी लड़का ढूंढने लगी. काफी दिन इधर उधर अपने लिए बॉयफ्रेंड ढूंढने के बाद मेरे क्लास का ही एक लड़का समीर, जो की बड़ी ही हॉट था, उसकी एक और गर्लफ्रेंड थी. पर मुझे इससे कोई मतलब नहीं था, मैं तो अपने चूत में लंड डलवाना चाहती थी, थोड़े दिन में ही वो मेरे कब्जे में आ गया, खूब घुमाया फिराया, चूचियां दबाया, अब मुझे असली मुकाम तक पहुचना था. मैं उसके बाइक पे पीछे बैठती और अपनी चूचियां उसके पीठ में चिपकाये हुए रखती. आखिर वो दिन आ गया जब वो मुझसे चूत मांग लिया. और मैंने पहले थोड़ा ना नुकुर की और फिर मैंने हामी भर दी. और फिर एक डेट फिक्स हो गया.
15 अगस्त के दिन ही मैंने अपने घर से बहाना बनाई की आज मेरी दोस्त के यहाँ पार्टी है. मैं वही जाउंगी. मेरे घर बाले ज्यादा कुछ पूछे भी नहीं. और उन्होंने कह दिया ठीक है शाम को जल्दी ही घर आ जाना. दिन के करीब ११ बज रहे थे मैंने समीर को व्हाट्सएप्प की की जल्दी आ जाओ. और मैंने अपने घर से थोड़े दूर पर ही उसका वेट करने लगी. वो बड़ा हैंडसम लग रहा था. बाइक पर था. ब्लैक कलर का चस्मा लगा कर बिलकुल हीरो लग रहा था. मैं तो उसके हीरोपंती से घायल हो गई. मैं पीछे बैठ गई और बाहों में भर लिया और उसके पीठ पर अपनी चूची को टिका दी.
मैंने कहा कही जगह है की कोई होटल में चले? तो उसने कहा की मेरे पास दोस्त के फ्लैट की चाभी है. मेरा दोस्त दिल्ली से बाहर गया है. हम दोनों वही आज एन्जॉय करेंगे. और फिर हम दोनों उसके फ्लैट पे चले गए. दोस्तों हम दोनों अंदर जाते ही. एक दूसरे के बाहों में हो गए. और वो मेरे होठ को चूसने लगा. और मैंने भी उसके होठ को चूसने लगी. वो मेरी चूचियों को दबाने लगा. और मैं भी उसके बाल को सहलाने लगी. धीरे धीरे हम दोनों बैडरूम में आ गए और समीर ने मुझे बेड पे पटक दिया, उसने मेरा समीज और सलवार उतार दिया और अपना भी कपड़ा उतार दिया.
वो जल्दबाजी नहीं करना चाह रहा था वो मुझे तड़पा रहा था, उसको लड़की चोदने का एक्सपीरेंस थे और मुझे कुछ भी नहीं पता था. वो मेरी दोस्त ने जो सेक्स के बारे में बताई वही पता था. मैं ब्रा और पेंटी में थी. वो मेरे होठ को चूमते हुए, मेरे कंधे को चूमते हुए मेरे चूचियों के बिच में मुह रगड़ रहा था मैं उस समय ब्रा में थी. फिर वो सरक कर निचे आया और मेरे पेट को जीभ से छूने लगा और थोड़ा निचे आकर मेरे नाभि में अपना जीभ डालने लगा. मैं तड़प रही थी, मेरे रोम रोम खड़े हो रहे थे. और मैं तकिये को अपने मुठी में पकड़ रही थी मेरे होठ अनायास ही दांत के बिच में जा रहा था. मेरी आँखे बंद हो रही थी. फिर वो थोड़ा सरक कर निचे गया और मेरी पेंटी को सूंघने लगा. मेरा तो हालात बहूत ज्यादा खराब होने लगा. वो फिर सरक कर निचे गया मेरे घुटने से होते हुए मेरे पैर के अंघूठे को अपने मुह में ले लिया. और फिर से ऊपर आ गया अब वो मेरा ब्रा को खोल दिया और अपने जीभ से निप्पल को छूने लगा. वो जोर से नहीं कुछ कर रहा था वो हलके हकले से निप्पल को छू रहा था, इससे मेरे शरीर में सिहरन होने लगी और मैं पुरे तरीके से तड़पने लगी.
वो फिर निचे आ गया और मेरी पेंटी को उतार दिया और फिर मेरे टांगो को अलग अलग करके. बिच में अपना मुह गुसा दिया और मेरे चूत के दोनों साइड की झिल्ली को अपने हाथो से अलग किया और बोला वाओ, और फिर अपना मुह लगा दिया. मैं तो पागल होने लगी. आज तक कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ था. बहूत ही मजा आ रहा था. गजब का एहसास था. जब वो मेरी चूत को चाट रहा था. फिर उसने चिर कर देखा , मैं वर्जिन थी. आज तक कभी चुदी नहीं थी. उसने बोला आज तो मैं तेरी वर्जिनिटी तोड़ दूंगा. मैं तुरंत बोल उठी ये मौक़ा मैं तुमको दे रही ही. आज तक मेरे चूत को किसी ने नहीं छुआ.
तभी समीर उठा गया और अपने पेंट की जेब से दस हजार रूपये मुझे दिए. और बोला ये तुम्हारा वर्जिनिटी खोने का इनाम है. मैं काफी दिन से ऐसी लड़की को ढूंढ रहा था जो आज तक चुदी ना हो. और आज मुझे तुम मिल गई. मैंने कहा कोई जल्दी बजी नहीं करना मुझे काफी दर्द हो सकता है. उसने कहा तुम चिंता नहीं करो मैं धीरे से तुम्हारी चूत की झिल्ली को तोडूंगा. और उसने अपना लंड निकाल लिया दोस्तों और उसमे थूक लगा कर मेरे चूत पर सेट किया, और अंदर घुसाने लगा. पर मेरे चूत के अंदर उसका लंड जा नहीं रहा था. क्यों की उसका लंड काफी मोटा था. और मेरी चूत की छेद काफी छोटी थी. उसने फिर से तरय किया तो थोड़ा सा अंदर गया. मुझे काफी दर्द होने लगा. मैंने कहा रुको रुको पर वो नहीं माना और जोर से धक्का दे दिया.
दोस्तों मैं दर्द से कराह उठी. उसने बोला हिलना मत अब दर्द ख़तम हो जायेगा. और हुआ भी वैसा ही. वो मुझे चोदने लगा. जोर जोर से मेरी चूत में लंड को पेलने लगा. मेरी चूत में उसका लंड बिलकुल सेट हो गया था. उसने फिर चूत से लंड निकाला और फिर से डाला. जब वो दुबारा घुसाता था मुझे काफी दर्द होने लगता था. तभी समीर बोल उठा अरे यार तेरी चूत से तो खून निकल रहा है. मैंने अपना हाथ लगा कर देखा तो सच में खून निकल रहा था. दोस्तों मैं पहले से ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ चुकी थी की पहली बार चोदने पे खून निकलता है और समीर भी बोला की पहली बार में खून निकलता है यही होती है कोरी चूत की निशानी इसका मतलब होता है की इसके पहले तुम किसी और से नहीं चुदी है.
फिर क्या था दोस्तों मैं अपनी वर्जिनिटी खो चुकी थी. अब वो निचे आ गया था मैं ऊपर आ गई थी उसका लंड पकड़ कर मैं अपने चूत पे सेट की और अंदर समा ली. और फिर उछल उछल कर चुदवाने लगी. अब मुझे काफी मजा आने लगा. अब मुझे दर्द भी नहीं कर रहा था, करीब १० मिनट ऊपर चुदने के बाद फिर से मैं निचे आ गया. और फिर उसने मेरे चूत के कभी इधर से कभी उधर से कभी डौगी स्टाइल में कभी साइड से. खूब चोदा, दोस्तों उस दिन मैं करीब २ घंटे तक चुदी उसमे मैं करीब पांच बार झड़ चुकी थी और समीर भी दो बार अपने माल को निकाल चूका था.
दोस्तों आज मेरी हालात ऐसी है की मैं ठीक से चल नहीं पा रही हु, मेरी चूत काफी सूज चुकी है. चलने में भी दर्द हो रहा है. पर जो भी हो बहूत मजा आया था. अब अगली बार जब चुदुंगी मैं जरूर बताउंगी. तब तक के लिए आप भी मूठ मार लें.

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