ब्लू फिल्में:
सबसे सकारात्मक फिल्म, ना मार-पीट ना खून-खराबा ना लड़ाई-झगडा ना अशांति और ना ही धोखेबाजी...
इसमें भाग लेने वाले चरित्रों के बीच बहुत सारा प्यार और और हमेशा ही बहुत सुखद अंत...
ना मिलना बिछड़ना ना रोना धोना...
बेहतरीन मिलना जुलना...और सहयोगिता..
ना नाटक ना भाषाभेद ना ही ओवर एक्टिंग...
और सबसे अच्छा तो ये है की...
"जहाँ से देखो वहीं से कहानी समझ आ जाती है"
😜😜😜😝😝😝😂😝😂😝
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