सोनू अपने स्कूल से घर जाते हुए आज कुछ ज़्यादा ही एक्साइटेड था...होता भी क्यों नहीं, आज उसकी बहन सोनिया जो आ रही थी हॉस्टल से..
सोनू और सोनिया जुड़वां भाई-बहन थे, दोनो अभी 12th क्लास में थे...
2 साल पहले 10th के बाद उनके पेरेंट्स ने सोनिया को देहरादून के एक हॉस्टिल में पढ़ने के लिए भेज दिया था.
कारण था उसका 10th में फैल हो जाना...
सोनू अपनी बहन के मुक़ाबले पढ़ाई में होशियार था, पर सोनिया का मन शुरू से ही पढ़ाई में नही लगता था... 9th तक तो वो किसी तरह पास होती रही... पर 10th में बोर्ड के एग्जाम्स थे, इसलिए उसकी कमज़ोरी सबके सामने आ गयी और वो फैल हो गयी... उसके पापा ने तुरंत उसे हॉस्टिल भेजने का इंतज़ाम कर दिया... वो बहुत गिड़गिड़ाई पर पापा का दिल नहीं पसीजा, सोनू भी बहुत रोया जब उसकी बहन जा रही थी... पर वो कुछ नही कर सकता था... पापा का गुस्सा सभी जानते थे... इसलिए उनकी मम्मी भी कुछ नही बोली.
और पिछले 2 सालो में सोनिया में आए बदलाव देखकर सभी को ये संतोष था की उसे हॉस्टिल भेजने का फ़ैसला सही था..
वो पढ़ाई में काफ़ी होशियार हो चुकी थी.
पर उसके घर वालो को ये बात पता नही थी की वो और भी चीज़ो में होशियार हो चुकी है...और वो किन-2 मामलों में होशियार हुई है, ये आपको धीरे-2 पता चल ही जाएगा.
खैर, सोनू जब घर पहुचा तो दरवाजा उसकी बहन ने ही खोला और दोनो एक दूसरे को देखकर चिल्लाते हुए गले लग गये...
''ऊऊऊऊ मेरा बच्चू ...... मेरे सोनू ........ मेरी जान........ ''
सोनिया ने जब उसे ये कहते हुए अपनी बाहों में भींचा तो छोड़ने का नाम ही नही लिया...
पहले तो सोनू खुशी के मारे कुछ रिएक्ट ही नही कर पाया पर कुछ देर बाद उसे एहसास हुआ तो वो झेंप सा गया... उसकी बहन ने उसे ज़ोर से भींचा हुआ था...सोनू के सीने से सोनिया की ब्रेस्ट बुरी तरह से रगड़ खा रही थी.
सोनू के लिए ये पहला मौका था जब वो किसी लड़की की ब्रेस्ट को इस तरह से महसूस कर पा रहा था...
उसे अच्छा तो बहुत लग रहा था,पर वो उसकी बहन थी..
उसके अंतरमन से एक आवाज़ आई.. 'ये क्या कर रहा है सोनू... ये तेरी सग़ी बहन है... छोड़ इसे .... ये ग़लत है'
वो तुरंत उसकी पकड़ से छूट गया...
और उसे देखते हुए बोला : "वाव सोनीया........ पूरे 8 महीने बाद आई है इस बार.... आई एम सो हैप्पी टू सी यू ... और तू कितनी बदल गयी है ....... शायद पहले से ज़्यादा मोटी भी हो गयी है...''
सोनू उसे उपर से नीचे तक देखते हुए बोला.
और सोनू का ये कहना बिल्कुल सही था.. बदलने का मतलब उसके कपड़ो से था...
हमेशा शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने वाली सोनिया ने इस वक़्त एक स्लीवलेस टॉप और निक्कर ही पहनी हुई थी... ऐसे फंकी कपड़ो में सोनू ने उसे आज तक नही देखा था...

और उसे मोटी उसने इसलिए कहा क्योंकि उसकी मोटी-2 टांगे उसने पहली बार देखी थी...
सोनू और सोनिया जुड़वां भाई-बहन थे, दोनो अभी 12th क्लास में थे...
2 साल पहले 10th के बाद उनके पेरेंट्स ने सोनिया को देहरादून के एक हॉस्टिल में पढ़ने के लिए भेज दिया था.
कारण था उसका 10th में फैल हो जाना...
सोनू अपनी बहन के मुक़ाबले पढ़ाई में होशियार था, पर सोनिया का मन शुरू से ही पढ़ाई में नही लगता था... 9th तक तो वो किसी तरह पास होती रही... पर 10th में बोर्ड के एग्जाम्स थे, इसलिए उसकी कमज़ोरी सबके सामने आ गयी और वो फैल हो गयी... उसके पापा ने तुरंत उसे हॉस्टिल भेजने का इंतज़ाम कर दिया... वो बहुत गिड़गिड़ाई पर पापा का दिल नहीं पसीजा, सोनू भी बहुत रोया जब उसकी बहन जा रही थी... पर वो कुछ नही कर सकता था... पापा का गुस्सा सभी जानते थे... इसलिए उनकी मम्मी भी कुछ नही बोली.
और पिछले 2 सालो में सोनिया में आए बदलाव देखकर सभी को ये संतोष था की उसे हॉस्टिल भेजने का फ़ैसला सही था..
वो पढ़ाई में काफ़ी होशियार हो चुकी थी.
पर उसके घर वालो को ये बात पता नही थी की वो और भी चीज़ो में होशियार हो चुकी है...और वो किन-2 मामलों में होशियार हुई है, ये आपको धीरे-2 पता चल ही जाएगा.
खैर, सोनू जब घर पहुचा तो दरवाजा उसकी बहन ने ही खोला और दोनो एक दूसरे को देखकर चिल्लाते हुए गले लग गये...
''ऊऊऊऊ मेरा बच्चू ...... मेरे सोनू ........ मेरी जान........ ''
सोनिया ने जब उसे ये कहते हुए अपनी बाहों में भींचा तो छोड़ने का नाम ही नही लिया...
पहले तो सोनू खुशी के मारे कुछ रिएक्ट ही नही कर पाया पर कुछ देर बाद उसे एहसास हुआ तो वो झेंप सा गया... उसकी बहन ने उसे ज़ोर से भींचा हुआ था...सोनू के सीने से सोनिया की ब्रेस्ट बुरी तरह से रगड़ खा रही थी.
सोनू के लिए ये पहला मौका था जब वो किसी लड़की की ब्रेस्ट को इस तरह से महसूस कर पा रहा था...
उसे अच्छा तो बहुत लग रहा था,पर वो उसकी बहन थी..
उसके अंतरमन से एक आवाज़ आई.. 'ये क्या कर रहा है सोनू... ये तेरी सग़ी बहन है... छोड़ इसे .... ये ग़लत है'
वो तुरंत उसकी पकड़ से छूट गया...
और उसे देखते हुए बोला : "वाव सोनीया........ पूरे 8 महीने बाद आई है इस बार.... आई एम सो हैप्पी टू सी यू ... और तू कितनी बदल गयी है ....... शायद पहले से ज़्यादा मोटी भी हो गयी है...''
सोनू उसे उपर से नीचे तक देखते हुए बोला.
और सोनू का ये कहना बिल्कुल सही था.. बदलने का मतलब उसके कपड़ो से था...
हमेशा शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने वाली सोनिया ने इस वक़्त एक स्लीवलेस टॉप और निक्कर ही पहनी हुई थी... ऐसे फंकी कपड़ो में सोनू ने उसे आज तक नही देखा था...

और उसे मोटी उसने इसलिए कहा क्योंकि उसकी मोटी-2 टांगे उसने पहली बार देखी थी...
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